ऊँची छलांग
ऊँची इतनी छलांग लगाओ तुम ,
आकाश से भी ऊँचा उड़ जाओ तुम।
सितारों से आगे भी क्या कोई दुनिया है,
उसका पता लगाओ तुम।
घनघोर काले बादलों में जाकर नहाओ तुम,
सर सर बहती मधुर हवा का,
भरपूर आनंद उठाओ तुम।
राकेश शर्मा और कल्पना चावला से आगे तुम्हें जाना है,
अकल्पित क्या है ब्रह्माण्ड में,
इसका पता तुम्हे लगाना है।
खून पसीना अपना बहाओ तूम।
विश्व का एक उदाहरण बन जाओ तुम।
ऊँची इतनी छलांग लगाओ तुम,
आकाश से भी ऊँचा उड़ जाओ तुम।
सितारों से आगे भी क्या कोई दुनिया है,
उसका पता लगाओ तुम।
रचनाकार
श्री सुभाष चन्द भनवाल ( भूतपूर्व सैनिंक )
शारीरिक शिक्षक,
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला
संधोल ( मंडी )
हिमाचल प्रदेश।
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